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  1. राहु एक करामाती ग्रह है।
  2. राहू वह धमकी है जिससे आपको डर लगता है |
  3. जेल में बंद कैदी भी राहू है |
  4. राहू सफाई कर्मचारी है |
  5. स्टील के बर्तन राहू के अधिकार में आते हैं।
  6. हाथी दान्त की बनी सभी वस्तुए राहू रूप हैं |
  7. राहू वह मित्र है जो पीठ पीछे आपकी निंदा करता है।
  8. दत्तक पुत्र भी राहू की देन होता है
  9. नशे की वस्तुएं राहू हैं |
  10. दर्द का टीका राहू है |
  11. राहू मन का वह क्रोध है जो कई साल के बाद भी शांत नहीं हुआ है, न लिया हुआ बदला भी राहू है |
  12. शेयर मार्केट की गिरावट राहू है, उछाल केतु है |
  13. बहुत समय से ताला लगा हुआ मकान राहू है |
  14. बदनाम वकील भी राहू है |
  15. मिलावटी शराब राहू है |
  16. राहू वह धन है जिस पर आपका कोई हक़ नहीं है या जिसे अभी तक लौटाया नहीं गया है | ना लौटाया गया उधार भी राहू है।
  17. उधार ली गयी सभी वस्तुएं राहू खराब करती हैं।
  18. यदि आपकी कुंडली में राहू अच्छा नहीं है तो किसी से कोई चीज़ मुफ्त में न लें क्योंकि हर मुफ्त की चीज़ पर राहू का अधिकार होता है |
  19. राहू ग्रह का कुछ पता नहीं कि कब बदल जाए जैसे कि आप कल कुछ काम करने वाले हैं लेकिन समय आने पर आपका मन बदल जाए और आप कुछ और करने लगें तो इस दुविधा में राहू का हाथ होता है | किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना का दावेदार राहू ही होता है | आप खुद नहीं जानते की आप आने वाले कुछ घंटों में क्या करने वाले हैं या कहाँ जाने वाले हैं तो इसमें निस्संदेह राहू का आपसे कुछ नाता है | या तो राहू लग्नेश के साथ है या लग्न में ही राहू है | यदि आप जानते हैं की आप झूठ की राह पर हैं परन्तु आपको लगता है की आप सही कर रहे हैं तो यह धारणा आपको देने वाला राहू ही है !
  20. किसी को धोखा देने की प्रवृत्ति राहू पैदा करता है यदि आप पकडे जाएँ तो इसमें भी आपके राहू का दोष है और यह स्थिति बार बार होगी इसलिए राहू का अनुसरण करना बंद करें क्योंकि यह जब बोलता है तो कुछ और सुनाई नहीं देता |
  21. जिस तरह कर्ण पिशाचिनी आपको गुप्त बातों की जानकारी देती है उसी तरह यदि राहू आपकी कुंडली में बलवान होगा तो आपको सभी तरह की गुप्त बातें बैठे बिठाए ही पता चल जायेंगी | यदि आपको लगता है की सब कुछ गुप्त है और आपसे कुछ छुपाया जा रहा है या आपके पीठ पीछे बोलने वाले लोग बहुत अधिक हैं तो यह भी राहू की ही करामात है |
  22. राहू रहस्य का कारक ग्रह है और तमाम रहस्य की परतें राहू की ही देन होती हैं | राहू वह झूठ है जो बहुत लुभावना लगता है | राहू झूठ का वह रूप है जो झूठ होते हुए भी सच जैसे प्रतीत होता है | राहू कम से कम सत्य तो कभी नहीं है |
  23. जो सम्बन्ध असत्य की डोर से बंधे होते हैं या जो सम्बन्ध दिखावे के लिए होते हैं वे राहू के ही बनावटी सत्य हैं |
  24. राहू व्यक्ति को झूठ बोलना सिखाता है बातें छिपाना, बात बदलना, किसी के विशवास को सफलता पूर्वक जीतने की कला राहू के अलावा कोई और ग्रह नहीं दे सकता |
  25. राहू वह लालच है जिसमे व्यक्ति को कुछ अच्छा बुरा दिखाई नहीं देता केवल अपना स्वार्थ ही दिखाई देता है |
  26. क्यों न हों ताकतवर राहू के लोग सफल? क्यों बुरे लोग तरक्की जल्दी कर लेते हैं | क्यों झूठ का बोलबाला अधिक होता है और क्यों दिखावे में इतनी जान होती है ? क्योंकि इन सबके पीछे राहू की ताकत रहती है|
  27. मांस मदिरा का सेवन, बुरी लत, चालाकी और क्रूरता, अचानक आने वाला , पीठ पीछे की वो बुराई, जो ये काम करे ये सब राहू की विशेषताएं हैं| असलियत को सामने न आने देना ही राहू की खासियत है।

राहु एक छाया ग्रह है कुंडली में जैसे ग्रहों के प्रभाव में हो उनके ही गुण-दोष ग्रहण कर लेता है .अपनी कुंडली में राहु की स्थिति को लेकर हम सदैव भयभीत और शंकाओं से घिरे रहते हैं परन्तु राहु हमेशा बुरे परिणाम दे ऐसा आवश्यक नहीं है बहुत सी स्थितियों में राहु शुभफल कारक बन जाता है क्योंकि राहु एक छाया ग्रह है कुंडली में जैसे ग्रहों के प्रभाव में हो उनके ही गुण-दोष ग्रहण कर लेता है अतः राहु किन भावों में तथा किन ग्रहों से युक्त या दृष्ट है यह महत्वपूर्ण बात है –

“यदि राहु कुंडली के लाभ स्थान अर्थात ग्यारहवे भाव में हो तो इसे राहु की श्रेष्ठ स्थिति माना गया है ग्यारहवे भाव का राहु शुभ फल देता है इसके आलावा तीसरे और छटे भाव में राहु शुभ फल करता है, इन तीनो भावों के संमिश्रण को त्रिषडाय (3,6,11) कहते है।

 

त्रिषडाय(3,6,11) में राहु –

 

  1. यदि राहु कुंडली के तीसरे भाव में हो तो वह व्यक्ति को पुरुषार्थी और पराक्रमी बनाता है प्रतिस्पर्धा में हमेशा आगे रखता है और जीवन के संघर्ष में सहायक होता है।
  2. जब राहु कुंडली के छटे भाव में हो तो यह विरोधियों पर विजय दिलाता है और शत्रुओं को हावी नहीं होने देता।
  3. राहु जब ग्यारहवे भाव में हो तो श्रेष्ठ फल करता है ऐसे व्यक्ति को आकस्मिक लाभ बहुत होते हैं और राहु की दशा बहुत शुभ फल करती है।

राहु को आकस्मिक फल देने वाला ग्रह माना गया है अतः यदि राहु उपरोक्त स्थितियों के अनुरूप कुंडली में बैठा हो या कुंडली के शुभ कारक ग्रहों के प्रभाव में हो तो सफलता भी आकस्मिक रूप से देता है अगर राहु अच्छी स्थिति में हो तो तीक्ष्ण बुद्धि देता है। व्यक्ति में विशेष तार्किक शक्ति होती है अच्छा राहु तकनीकी कार्यों में सफलता दिलाता है, एंटीबायोटिक और विषरोधी दवाओं के कार्य से जोड़ता है यदि राहु कुंडली में अच्छी स्थिति में हो तो अपनी दशा में थोड़े से प्रयासों से ही आकस्मिक लाभ कराता है और व्यक्ति को वैभव प्रदान करता है।

राहु की शान्ति के उपाय:

 

अपनी शक्ति के अनुसार संध्या को काले-नीले फूल, गोमेद, नारियल, मूली, सरसों, नीलम, कोयले, खोटे सिक्के, नीला वस्त्र किसी कोढ़ी को दान में देना चाहिए। राहु की शांति के लिए लोहे के हथियार, नीला वस्त्र, कम्बल, लोहे की चादर, तिल, सरसों तेल, विद्युत उपकरण, नारियल एवं मूली दान करना चाहिए. सफाई कर्मियों को लाल अनाज देने से भी राहु की शांति होती है. राहु से पीड़ित व्यक्ति को इस ग्रह से सम्बन्धित रत्न का दान करना चाहिए. राहु से पीड़ित व्यक्ति को शनिवार का व्रत करना चाहिए इससे राहु ग्रह का दुष्प्रभाव कम होता है. मीठी रोटी कौए को दें और ब्राह्मणों अथवा गरीबों को चावल का भौजन करायें. राहु की दशा होने पर कुष्ट से पीड़ित व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए. गरीब व्यक्ति की कन्या की शादी करनी चाहिए. राहु की दशा से आप पीड़ित हैं तो अपने सिरहाने जौ रखकर सोयें और सुबह उनका दान कर दें इससे राहु की दशा शांत होगी.

ऐसे व्यक्ति को अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए। हाथी दाँत का लाकेट गले में धारण करना चाहिए। अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए। सफेद चन्दन की माला भी धारण की जा सकती है। दिन के संधिकाल में अर्थात् सूर्योदय या सूर्यास्त के समय कोई महत्त्वपूर्ण कार्य नही करना चाहिए। यदि किसी अन्य व्यक्ति के पास रुपया अटक गया हो, तो प्रातःकाल पक्षियों को दाना चुगाना चाहिए। झुठी कसम नही खानी चाहिए। राहु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे उपाय हेतु शनिवार का दिन, राहु के नक्षत्र (आर्द्रा, स्वाती, शतभिषा) तथा शनि की होरा में अधिक शुभ होते हैं।

 

क्या न करें:

मदिरा, माँसाहार और तम्बाकू के सेवन से राहु की दशा में विपरीत परिणाम मिलता है अत: इनसे दूरी बनाये रखना चाहिए. आप राहु की दशा से परेशान हैं तो संयुक्त परिवार से अलग होकर अपना जीवन यापन करें अन्यथा घर के सदस्यों से अनबन होने के चांसेस बढ जाते है।