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                                     महागुरु

(ज्योतिष शास्त्र)

राहु: एक परिचय

राहु एक करामाती ग्रह है। राहू वह धमकी है जिससे आपको डर लगता है | जेल में बंद कैदी भी राहू है | राहू सफाई कर्मचारी है | स्टील के बर्तन राहू के अधिकार में आते हैं। हाथी दान्त की बनी सभी वस्तुए राहू रूप हैं | राहू वह मित्र है जो पीठ पीछे आपकी निंदा करता है।...

महिलाओं की कुंडली में ग्रहों का फल

सूर्य शुभ: अगर किसी महिला कि कुंडली में सूर्य अच्छा हो तो वह हमेशा अग्रणी ही रहती है और निष्पक्ष न्याय में विश्वास करती है चाहे वो शिक्षित हो या नहीं पर अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय देती है। .अशुभ सूर्य: जब यही सूर्य उसकी कुंडली में नीच का हो या दूषित हो जाये...

ग्रह पीड़ा निवारण:

सूर्य ग्रह पीड़ा निवारण: १ सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए। २ रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए। ३ ताँबे का...

जन्म समय के दोष -ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह शुभ समय क्या है और अशुभ समय किसे कहते हैं

जन्म समय के दोष नज़रअन्दाज़ ना करें। जिस व्यक्ति का जन्म शुभ समय में होता है, उसे जीवन में अच्छे फल मिलते हैं और जिनका अशुभ समय में उसे कटु फल मिलते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह शुभ समय क्या है और अशुभ समय किसे कहते हैं, आइए जाने। अमावस्या में जन्म:...

विभिन्न नक्षत्र एवं उनके स्वामी

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कुल मिला कर 28 नक्षत्रों कि गणना है, तथा प्रचलित केवल 27 नक्षत्र है उसी के आधार पर प्रत्येक मनुष्य के जन्म के समय नामकरण होता है. अर्थात मनुष्य का नाम का प्रथम अक्षर किसी ना किसी नक्षत्र के अनुसार ही होता है. तथा इन नक्षत्रों के...

जन्म से मृत्यु तक कुंडली के 12 भाव

मनुष्य के लिए संसार में सबसे पहली घटना उसका इस पृथ्वी पर जन्म है, इसीलिए प्रथम भाव जन्म भाव कहलाता है। जन्म लेने पर जो वस्तुएं मनुष्य को प्राप्त होती हैं उन सब वस्तुओं का विचार अथवा संबंध प्रथम भाव से होता है जैसे-रंग-रूप, कद, जाति, जन्म स्थान तथा जन्म समय...